विषय
- #प्रामाणिकता
- #संचार
- #आत्म-प्रतिबिंब
- #व्यक्तित्व
- #मेरा लेखन
रचना: 2024-12-02
रचना: 2024-12-02 10:33
इन दिनों मैं सॉन्ग गिल योंग (Song Gil Young) लेखक के व्याख्यान सुन रहा हूँ, उनकी पुस्तकें पढ़ रहा हूँ और इस विषय से जुड़ी बातें बहुत सुन रहा हूँ। उनका मुख्य बिन्दु है, ‘मैं’ के रूप में पहचाना जाना। किसी काम को करने वाले ‘मैं’ के रूप में नहीं, बल्कि एक सेल्समैन ई सांग हूँ (Lee Sang Hoon) के रूप में नहीं, बल्कि ई सांग हूँ (Lee Sang Hoon) के रूप में, और एक सेल्समैन के रूप में पहचाना जाना चाहिए, इसी से जुड़ा हुआ है।
यह ज़रूरी बात है, क्योंकि AI हमारे पेशों को खतरे में डाल रहा है। साथ ही, आर्थिक मंदी और कम जन्म दर के कारण भविष्य की विकास शक्ति धुंधली हो रही है, जिससे हमारे पेशों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। इसलिए मेरे मूल्य का महत्व बढ़ गया है।
इस प्रवृत्ति में, मैं क्या कहानी कहूँगा, किस विशेषज्ञता का उपयोग करके मैं खुद को दूसरों के सामने प्रस्तुत करूँ और ‘मुझे’ पहचाना जाए, इस बारे में मुझे सोचना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर, ऑनलाइन पर लोग किस विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं और क्या कहानियाँ कहते हैं, इसका अवलोकन मैं करता हूँ। इसी बीच मुझे गंभीर अस्तित्वगत चिंता है कि मैं कैसे जीवित रहूँगा।
मैं भी इस चिंता से अछूता नहीं हूँ। मैं इस बारे में गंभीरता से सोच रहा हूँ। लेकिन जितना मैं सोचता हूँ, उतना ही मैं दूसरों से अपनी तुलना करता हूँ। वे लोग इतने सफल हैं, और उनके पास इतनी विशेष विशेषज्ञता है, लेकिन मेरे पास क्यों नहीं है? वे लोग इतनी शानदार लेखन शैली से लोगों के दिलों को छू लेते हैं, लेकिन मेरे पास ऐसी कला क्यों नहीं है? उनके तो पहले से ही बहुत सारे अनुयायी हैं, और वे इससे अतिरिक्त मूल्य पैदा कर रहे हैं, लेकिन मैं क्या कर रहा हूँ?
इसके जवाब में, मुझे बस अपना लेखन करना है। बस अपना जीवन जीना है। किसी को साबित करने या मान्यता पाने की ज़रूरत नहीं है। बस अपने दिल की बात, अपनी छवि को दिखाना है।
कोई लेखन से जीवन यापन करता है। कोई नहीं करता। हम सभी को ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है। हमें अपने-अपने दिए गए हुनर से जीवन जीना चाहिए। मैंने अपने लेखन, अपनी छवि और अपने विचारों से प्यार करने का फैसला किया है।
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